लेखनी प्रतियोगिता -24-Dec-2021 पहली बार माँ बनने का एहसास
पहली बार मांँ बनने का सुखद एहसास ,
मेरी सांसों से जुड़ी जब उसकी साँस |
वो प्यारी सी होने लगी थी एक अनुभूति ,
जैसे मिली थी मुझे कोई संजीवनी बूटी |
जीवन में उसके शामिल होने की आहट ,
हुई थी दिल में एक अलग सी सरसराहट |
हिलौरें मन में लेने लगी एक नई चाहत ,
कई परेशानियों से रूबरू हुई मैं आहत |
कभी कभी कुछ मन को नहीं था सुहाता ,
कभी खट्टा मीठा खाने को जी ललचाता |
डॉक्टर ने लिया था सुईयों का सहारा ,
नए जीवन को बचाने का दृढ़ प्यारा |
दर्द से बदन मेरा टूटता ही जा रहा था ,
सांस वो अंदर ही अंदर खोता जा रहा था |
सबने मिलकर मांगी थी ईश्वर से दुआ,
ऊपर वाले के आशीर्वाद से सब सही हुआ |
हाथों में लिया जब उन कोमल हाथों को ,
वह नन्हा सा स्पर्श बदल गया हालातों को |
हर काम में बड़े बुजुर्गों से मिलने लगी नसीहत ,
आहिस्ता आहिस्ता होने लगी थी मेरी फजीहत |
नींद भी पूरी मेरी नहीं होती थी रातों को ,
आज भी भूल नहीं पाती हूंँ उन बातों को |
अपनी मांँ की खुद मांँ बन कर समझी कीमत ,
अब उनको देखकर मुझे मिलती हैं हिम्मत |
धीरे-धीरे जिंदगी मेरी तो वो ही बन गई ,
हांँ मैं एक बेटी की पहली बार मांँ बन गई ||
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Shrishti pandey
25-Dec-2021 09:02 AM
Nice one
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Abhinav ji
24-Dec-2021 11:05 PM
Nice very nice
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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
24-Dec-2021 06:37 PM
Wah wah
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